Gaon Sabha Published on March 21, 2024 at 17:39 pm
नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. केजरीवाल ईडी के समन को लगातार गैरकानूनी बता रहे थे और जब दिल्ली हाईकोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली तो बिना समय गंवाए ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. बतौर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर देश में एक बार फिर से चर्चा छिड़ गई कि क्या मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हो सकती है?
हाल ही में झारखंड के सीएम को भी ईडी ने जेल भेजा था. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार किया था. हालांकि, हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अरविंद केजरीवाल का मामला हेमंत सोरेन से अलग है.
किन मामलों में मुख्यमंत्री को छूट नहीं
संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत मुख्यमंत्री को सिविल मामलों में गिरफ्तारी और हिरासत से छूट मिली हुई है, लेकिन क्रिमिनल मामलों में मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी हो सकती है. ठीक यही नियम प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य, विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों के लिए भी हैं. हालांकि, राष्ट्रपति और राज्यपाल को पद पर रहते हुए कोई गिरफ्तार नहीं कर सकता है.
क्या है अनुच्छेद 361
अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति या किसी भी राज्यपाल के खिलाफ उनके कार्यकाल के दौरान किसी भी कोर्ट में कोई क्रिमिनल कार्यवाही शुरू नहीं हो सकती है और न ही कोई कोर्ट हिरासत में लेने का आदेश दे सकती है.
सीएम की गिरफ्तारी पर क्या कहता है नियम
सुप्रीम के वरिष्ठ वकील विराग गुप्ता के न्यूज 18 हिंदी वेबसाइट में छपे बयान के अनुसार किसी भी मुख्यमंत्री पर गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा देने की बाध्यता नहीं होती है. कानून की नजर में गिरफ्तारी होना दोष सिद्धि नहीं माना जाता है. लिहाजा, किसी सीएम की गिरफ्तारी के तुरंत बाद उनसे इस्तीफा नहीं लिया जा सकता है. जेल से सरकार चलाना जेल के नियमों पर काफी निर्भर करेगा.