Gaon Sabha Published on May 31, 2024 at 18:21 pm

साउथ अफ्रीका में 30 साल से सत्ता में रहने वाली अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (ANC) को इस बार जनता का भरपूर साथ नहीं मिला है. (File Photo)
नई दिल्ली. साउथ अफ्रीका में 30 साल से सत्ता में रहने वाली अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (ANC) को इस बार जनता का भरपूर साथ नहीं मिला है. इस पार्टी की नींव भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने रखी थी. महत्मा गांधी ने अपने करियर के शुरुआती 20 साल साउथ अफ्रीका में बिताए थे. वहां गांधी ने ट्रेन में सफर नहीं करने दिए जाने पर भारतीयों के खिलाफ हो रहे भेदभाव को लेकर आवाज उठाई और अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था. इस दौरान वह चार बार जेल भी गए. साल 1894 में गांधी जी ने साउथ अफ्रीका में नेटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना की थी. बाद में यही पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (ANC) के रूप में जानी गई.
न्यूज रिपोर्ट के अनुसार साउथ अफ्रीका में किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कम से कम 50 प्रतिशत वोट की दरकार होती है. एएनसी को इस बार महज 41.88 प्रतिशत वोट ही मिले हैं. मतलब साफ है कि वो सरकार बनाने से 8.12 प्रतिशत वोट से चूक गए हैं. अब अपने दम पर साउथ अफ्रीका की कांग्रेस पार्टी सरकार नहीं बना सकती है.
DA पार्टी का बढ़ गया जनाधार
दूसरे स्थान पर DA पार्टी है, जिसे 23.22 प्रतिशत वोट मिले हैं. MKP
को साउथ अफ्रीका की जनता ने 11.52 प्रतिशत वोट दिए. इसी तर्ज पर ईएफएफ को 9.49 परसेंट वोट लोगों ने दिए. अब एएनसी को सरकार बनाने के लिए किसी अन्य दल के समर्थन की जरूरत होगी.
गांधी जी ने अफ्रीका में क्यों की कांग्रेस की स्थापना?
गांधी जी ने लंदन से वकालत की थी. उस समय सेठ अब्दुल्ला ने अपना केस लड़ने के लिए गांधी जी को साउथ अफ्रीका बुलाया था. उन्हें ट्रेन के फर्स्ट क्लास से बाहर निकाल दिया गया था. अफ्रीका में उन्होंने भारतीयों की तकलीफ को समझा. साल 1894 में उन्होंने साउथ अफ्रीका में भारतीयों को वोटिंग राइट दिलाने के लिए नेटाल इंडियन कांग्रेस बनाई थी.
रंग-भेद के खिलाफ मंडेला ने बनाई कांग्रेस
नेटाल इंडियन कांग्रेस से प्रेरित होकर आगे चलकर 8 जनवरी 1912 को साउथ अफ्रीका नेशनल कांग्रेस की स्थापना हुई, जिसका मकसद साउथ अफ्रीका के काले लोगों को बराबरी का अधिकार दिलाना था. साल 1948 से 1990 तक इस पार्टी ने देश में रंग के आधार पर भेदभाव के खिलाफ जमकर आवाज उठाई. इस दौरान पार्टी पर कई बार प्रतिबंद भी लगा. रंग-भेद खत्म होने के बाद 90 के दशक में नई सरकार का गठन हुआ. नेलसन मंडेला काले लोगों के साथ हो रहे भेदभाव के जनक थे. साउथ अफ्रीका की आज की कांग्रेस पार्टी के पहले राष्ट्रपति मंडेला ही बने. तभी से यह पार्टी देश में सत्ता में है, लेकिन पहली बार पार्टी को यहां चुनाव में जनता ने झटका दे दिया है.