Gaon Sabha Published on March 19, 2024 at 18:43 pm
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होली रंगों का त्योहार भी है और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी. (File Phpto)
सागर. होली हिंदुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक है. होली रंगों का त्योहार भी है और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी. इस पर्व की उत्पत्ति बुंदेलखंड के एरच से ही मानी जाती है. कई और जगहों पर इसके एतिहासिक दावे किए जाते हैं. वहीं बुंदेलखंड में होलिका दहन के साथ कुछ उपाय किए जाते हैं.
मान्यता है कि इससे बुरी नजर, बुरी बला का साया दूर हो जाता है. साथ ही यह टोटका एक साल तक बुरी नजर से रक्षा करता है. इस इलाके के लोग यह उपाय हर साल होलिका दहन वाली रात में करते हैं.
सागर के सानौधा गांव से जुड़ी यह मान्यता
सागर के सानौधा गांव जिस दिन होलिका दहन किया जाता है. उस दिन घर में जितने भी सदस्य होते हैं, उन सभी की नजर उतारने की परंपरा है. न्यूज 18 वेबसाइट में छपी एक खबर के मुताबिक वहां की बुजुर्ग दादी द्रोपदी बाई ने बताया कि प्रत्येक सदस्य के हिसाब से काले उड़द के गिनकर 7 दाने लेते हैं, बारी-बारी से उनको बैठ कर सात बार उनके सिर के ऊपर से घुमाकर फेर लेते हैं. जितने भी सदस्य होते हैं, सभी के साथ ऐसा करने के बाद उड़द के दाने को ले जाकर धधकती हुई होलिका में फेंक कर वापस लौट आते हैं.
टोटका करते समय इस बात का ध्यान रखें
दादी ने आगे बताया कि नजर उतारने वालों को एक चीज का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. होलिका में काले उड़द के दाने डालने के बाद सीधे घर आना होता है. गलती से भी पलट कर पीछे नहीं देखा जाता. जो व्यक्ति होलिका में उड़द डालने जाता है, उसे पहले यह बता दिया जाता है. साथ ही नजर उतारने का काम अंधेरे में किया जाता है. होलिका जलने से लेकर जब तक वह धधकती रहती है, तब तक यह टोटका कर सकते हैं.