Gaon Sabha Published on March 11, 2024 at 17:33 pm
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केंद्र सरकार ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. (File Fhoto)
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के ठीक पहले केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा दांव चला है. केंद्र सरकार ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. सरकार ने विवादों में रहे इस कानून के पारित होने के चार साल बाद नोटिफिकेशन जारी किया है, जिससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी. विपक्षी दलों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. ममता बनर्जी ने इसको लेकर मोदी सरकार की आलोचना की तो वहीं कांग्रेस ने इसे चुनाव में ध्रुवीकरण करने की भाजपा की कोशिश बताया है.
सीएए कानून के तहत मोदी सरकार अब तीन देशों के सताए हुए गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई – को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना शुरू कर देगी. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है और संविधान निर्माताओं के वादे को साकार किया है.
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता के मुताबिक नागरिकता (संशोधन) नियम 2024 कहे जाने वाले ये नियम सीएए-2019 के तहत पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाएंगे. प्रवक्ता ने कहा कि आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे, जिसके लिए एक वेब पोर्टल उपलब्ध कराया गया है. सीएए दिसंबर 2019 में पारित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई, लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए और कई विपक्षी दलों ने कानून के खिलाफ बोलते हुए इसे ‘भेदभावपूर्ण’ बताया था. अब तक नियम अधिसूचित नहीं होने के कारण कानून लागू नहीं हो सका.
नागरिकता संशोधन कानून 2024 की प्रमुख बातें
1- गृह मंत्रालय के मुताबिक, नागरिकता संशोधन कानून में प्रमुख भूमिका होगी स्थानीय लेवल की कमेटी यानी जिला कमेटी की जो या सुनिश्चित करेगी जो आवेदन उसके पास आएंगे उसका कानून के मुताबिक, क्रियान्वयन किया जाएगा.
2- यह एंपावर्ड कमेटी रहेगी, जिसमें विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे और वह आवेदकों की फिजिकल मौजूदगी में नागरिकता देने का अंतिम निर्णय करेंगे.
3- नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 उन शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करता है, जिन्होंने तीन पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण मांगी थी.
4- 3 देश अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के 6 अल्पसंख्यक समुदाय – हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई को नागरिकता मिलेगी.